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Friday, February 18, 2011

हर ब्लॉग कुछ कहता है

हर ब्लॉग कुछ कहता है


किसी की ख़ामोशी                      
झलकती है उसके
कम शब्दों में

किसी के चमचमाते
रंगों में है
उसकी ज़िन्दगी की मिठास
घुली हुई

किसी की लम्बी कहानियाँ
हैं ज़िन्दगी के
घुमावदार रास्तों जैसी

किसी की शायरी
यादों से लबालब
सैलाब की लहरों जैसी

कोई दोस्ती ढूँढ  रहा है
कोई प्यार,कोई सुकून
और कोई कुछ भी नहीं

किसी की बातें किताबी हैं
और किसी के ख्याल बेहूदा
किसी को सब कुछ कहना है
किसी को समझना है
या फिर छुपाना है

मुझे मेरे ब्लॉग में
जीनी है एक पूरी ज़िन्दगी
सुख-दुःख,ख़ुशी-आंसू
सब कुछ....
मेरा ब्लॉग  भी बहुत  कुछ कहता है
और देता है माइने उसको भी
जो नहीं कहता

हर ब्लॉग कुछ कहता है... 







3 comments:

  1. सच में, हर ब्लॉग कुछ कहता है :)

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  2. वाह....कित्ती अच्छी तरह से आपने अपनी बात कही है,जैसे यह सबकी बात रही है....

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  3. बहुत ही सटीक राय | बढ़िया प्रस्तुति | रोचक रचना | आभार

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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