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Tuesday, August 30, 2011

खाली घोंसला - for a friend experiencing the empty nest

एक छोटे से पेड़ से
शुरू हुई मेरी कहानी
साथी संग मैंने
अपना घोंसला सजाया

और फिर हमारे जीवन मे
वह आया
हम जैसा ,एक छोटा सा
हमारा साया

दिन बीते
और बीते साल
अपनी आँखों से
हमने उसको दुनिया दिखाई
अपने परों पर हर उसकी
ज़रुरत उठाई

आज वह हमसे आके बोला
माँ वह देखो
दूर उस पेड़ पर
बनाऊंगा मैं
अपना एक घोंसला
ढून्ढूगा अपना एक साथी

मैं अचानक
कुछ घबरायी
क्या वह अब चला जायेगा
कहीं और ही बस जायेगा
मुझे भूलके अब मेरा बेटा
किसी और को अपनाएगा

फिर मैंने सोचा
यह तो अच्छी बात है पगली
तेरा बेटा सीखा
अपने परों से उड़ना
अपना जीवन ख़ुशी से जीना

कल जब वह
ऊँची उडान भरेगा
अपने घोंसले को ख़ुशी से भरेगा
क्या मेरा मन न हर्शाएगा
उसके नए जीवन मैं ही
यह नया जीवन पायेगा !





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