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Tuesday, August 14, 2012

aazadi

आज़ादी अपनी बात कहने की
पर यूँ नहीं की दब जाये
विरोध करने  वाली
हर आवाज़  हमारे शोर में

आज़ादी बेटियों को
जन्म लेने की
आज़ादी  औरतों की
दलितों की ,गरीबों की
मजदूरों की ,उन सब की
जो टी.वी  पर भाषण
नहीं दे सकते

जो कानून नहीं
खरीद सकते
जो ट्विट्टर पर
घोषित नहीं कर सकते
अपनी हर उपलब्धि

मिले ऐसी आज़ादी न जब  तक
कैसा स्वतंत्रता दिवस ?






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