Pages

Pages

Sunday, March 31, 2013

कविता


विचारों की उधेड़ -बुन
में भिड़ते -भिड़ते
कुछ शब्दों का जुगाड़ हो
तो कविता बन जाए

थाम लूं
किसी एक विचार की
चिकनी कलाई
तो शब्द भी
वहीँ कहीं मिल जाये

शब्दों में
अर्थों में
नया एक कोना
मिल जाए  !

No comments:

Post a Comment