एक स्मृति
उस 6x10 के डिब्बेनुमा
उसके खुरदरे हाथ
बनाते हैं ना जाने
कितनी आलिशान कोठियों की ज़िन्दगी
को मुलायम.
वह हँसी में टाल देती है
उस 6x10 के डिब्बेनुमा
कमरे में उसका घर है
जो संगमरमर की ठंडी दीवारों में नहीं.
उसके खुरदरे हाथ
बनाते हैं ना जाने
कितनी आलिशान कोठियों की ज़िन्दगी
को मुलायम.
दिल्ली परदेस तो है
पर करमभूमि
जिसकी हर क्रूरता कोवह हँसी में टाल देती है
मेरी बच्ची जो
उनकी गोद में खेली,
बड़ी हुई
आज एक दूर शेहर से गयी थी उनसे मिलने
एक रंगीन डिब्बे में रखी थी
सी कर उसके लिए एक फ्राक्क
और बनायीं थी
उसकी मनपसंद आलू की सब्जी
गरीब कौन हैं
जो ले जा पाते हैं सिर्फ
मिठाई ,तोहफे और पैसे
या जिसने बाँध धी
मेरी गुडिया की मुठी में
अनगिनित मुस्काने
Sweet :)
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