हर ब्लॉग कुछ कहता है
किसी की ख़ामोशी
झलकती है उसके
कम शब्दों में
किसी के चमचमाते
रंगों में है
उसकी ज़िन्दगी की मिठास
घुली हुई
किसी की लम्बी कहानियाँ
हैं ज़िन्दगी के
घुमावदार रास्तों जैसी
किसी की शायरी
यादों से लबालब
सैलाब की लहरों जैसी
कोई दोस्ती ढूँढ रहा है
कोई प्यार,कोई सुकून
और कोई कुछ भी नहीं
किसी की बातें किताबी हैं
और किसी के ख्याल बेहूदा
किसी को सब कुछ कहना है
किसी को समझना है
या फिर छुपाना है
मुझे मेरे ब्लॉग में
जीनी है एक पूरी ज़िन्दगी
सुख-दुःख,ख़ुशी-आंसू
सब कुछ....
मेरा ब्लॉग भी बहुत कुछ कहता है
और देता है माइने उसको भी
जो नहीं कहता
हर ब्लॉग कुछ कहता है...
सच में, हर ब्लॉग कुछ कहता है :)
ReplyDeleteवाह....कित्ती अच्छी तरह से आपने अपनी बात कही है,जैसे यह सबकी बात रही है....
ReplyDeleteबहुत ही सटीक राय | बढ़िया प्रस्तुति | रोचक रचना | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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