पुराने कागजों में
कैद रखे
लम्हों की धूल में
फीकी पड़ी है
ख़ूबसूरत याद कोई
और मुंह छुपाता
अफ़सोस का भी
कोई अकेला पल कहीं पर
कहीं से झांकते
वो हाथ जो छूटे
कहीं पे मगरूर
एक मज़बूत रिश्ता
और फिर
एक ही छींक से टूटता
सारा तिल्सिम
अभी के फर्श
पर बिखरते
कल के सपने !
OMG this is so beautiful!!
ReplyDeleteThanks !!
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